जब लॉकडाउन कि प्रक्रिया पुरे देश में लागू हुई थी तो लगा था कि कुछ दिनों की ही तो बात है |जैसे हम सभी छुट्टिया मानते है कुछ उसी तरह से ये दिन भी गुज़र जाएगे , पर ऐसा कुछ दिनों तक तो हुआ था, उसके बाद ये लॉकडाउन जैसे एक बोझ लगने लगा | अवसाद , बैचेनी और चिड़चिड़ापन लोगों में दिन प्रति दिन बढ़ने लगा | जिसकी वजह से अन्य बीमारिया सामने आने लगी । ऐसा होना लाजमी भी था, क्योकि हमारे आस – पास जिस तरह का माहौल हो रहा था , उस माहौल से एक आम जन का डरना आम था | इंसान अपने आस -पास के माहौल से ही सब कुछ सीखता है ,अगर हमारे चारों ओर नकारात्मक माहौल है तो हम खुद ही नकारात्मकता कि चपेट में आ जाएगे | जैसे अगर हम श्मशान घाट जाते है तो हमें अपने अस्तित्व के बारे में ही सवाल उठने लगते है , हम क्यों है ? , जब सब कुछ यही रह जाएगा तो फिर क्यों इतनी मेहनत ? , तरह -तरह के सवाल मन में आने लगते है | वैसे ही जैसे अगर हम किसी अस्पताल में जाते है ,तो देखते है लोगों का दुख, जिससे हम भी कही न कही दुखी हो जाते है | क्योंकि इन सभी जगह पर एक तरह कि नकारात्मक ऊर्जा होती है |लेकिन वहीं अगर हम किसी शादी में जाते है तो हम नाच – नाच कर अपनी खुशी का इज़हार करते है, किसी दोस्त कि पार्टी में जाते है तो खुद ही मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है |
एक किस्सा जोकि यहाँ काफ़ी सटीक बैठता है ” एक बार एक राजा के राज्य में एक हाथी दलदल में फस जाता है ,काफ़ी कौशीश के बाद भी वो सभी लोग उस हाथी को दलदल से बाहर नहीं निकाल पा रहे थे। |तभी उन्हे एक सुझाव आया क्योंकि हाथी उनकी सेना का सदस्य था तो उन्होंने उस हाथी के चारों ओर एक युद्ध जैसी स्थिति बनाई , हाथी को लगा कि युद्ध हो चुका है और उसके सेनापति को उसकी जरूरत है तो हाथी ने खुद उस दलदल से निकलने कि कौशीश कि और वो दलदल से बाहर आ गया । शायद जब लोग उसे निकाल रहे थे, तो वो उतना ज़ोर नहीं लगा पा रहा था जिससे वो बाहर निकल सके पर जैसे ही उसके चारों ओर का माहौल बदला गया तो वो तुरंत बाहर आ गया ।
इसलिए आपके माहौल का आपकी मानसिकता पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है । अगर आपके आस – पास सकारात्मक ऊर्जा है तो आप खुद सकारात्मक महसूस करेगे । तो इस मुश्किल समय में अपने आपको एक सही दिशा में रखने कि कौशीश करे , अपने आस – पास एक सही और सकारात्मक माहौल बनाए, जिसके लिए आप अपने आपको सकारात्मक लोगों के साथ रखिए, आप किताबे पढ़ सकते है , कोई नया हुनर सीखने का मन था पर कभी किसी न किसी वजह से आप सिख नहीं पा रहे थे तो बस सोचना किस बात का है , होजाइए शुरू । आजकल सब कुछ ऑनलाइन है , आप किसी भी तरह का हुनर वीडियो के माध्यम से सीख सकते है । कोई बहुत पुराना कॉलेज का दोस्त था ,जिससे आप काफ़ी काम की अधिकता कि वजह से बात नहीं कर पा रहे थे तो बस उठाइए अपना फोन और कर लीजिए बाते ।क्यों न कुछ रिश्तों को ही समेटा जाए इस वक़्त। कोई शौक जो आपकी भाग – दौड़ भरी ज़िदगी में कहीं पीछे छूट गया था उसे वापस जगा सकते है। बाकी सब वक़्त पर छोड़ दे ।