जोड़ी सलामत रहे ( HOW TO KEEP YOUR RELATIONSHIP HEALTHY ? )

रिश्ता कोई भी हो, हर रिश्ता अपनेपन के एहसास पर ही टिक होता है । अगर रिश्तों में अपनेपन का एहसास कम हुआ तो वो रिश्ता बोझ लगने लगता है, और बोझ को ज़्यादा दिन तक नहीं ढोया जा सकता। तो अगर आपको भी अपना रिश्ता बोझ लगने लगा हो तो कुछ करे , अपने रिश्ते को बचाने के लिए ।

अपने रिश्ते को प्राथमिकता दे

वक़्त के साथ-साथ हम रिश्तों को लेकर काफ़ी सहज हो जाते है। याद कीजिए जब शुरू-शुरू में आपने अपने रिश्ते के लिए कितने प्रयास किए थे । अपने इस रिश्ते को ज़्यादा तवज्जो दे और सब रिश्तों को बाद में । हमारी ज़िदगी में सब लोग मायने रखते है पर अभी आपके लिए आपका जीवन साथी मायने रखता है । तो दोस्त, रिश्तेदार, बाकी सब बाद में पहले अपने इस रिश्ते को प्राथमिकता दे । अगर आपका अपने जीवन-साथ के साथ रिश्ता सरल और सुगम है तो बाकी सब रिश्तों भी आपके अच्छे ही होंगे ।

बातों का सिलसिला ना टूटे

आज-कल के इस आधुनिक युग में काफ़ी बार ऐसा होता है कि आप दोनों के पास ही एक दूसरे के लिए वक़्त नहीं होता है । चाहे थोड़ा ही सही पर वक़्त ज़रूर निकाले एक दूसरे के लिए । थोड़ी देर बैठ कर कुछ बाते ज़रूर करे । अगर बातें खत्म हो गई हो तो एक दूसरे की तरीफ़े ही कर ले, पर बातों का सिलसिला जारी रखे । बातों के जरिए आप अपने रिश्ते में पारदर्शिता रख सकते है, और जितना आप खुद को खुल कर अपने साथी के साथ साझा कर पाते है आपका रिश्ता उतना ही अधिक मजबूत होता जाता है । तो कोई भी बात बिना झिझके अपने साथी के साथ शेयर करे । बातचीत किसी भी रिश्ते का अहम पहलू होता है इसलिए हमेशा बातचीत के लिए वक़्त निकाले ।

‘मैं’ और ‘आप’ से ‘हम’

जब आपकी ज़िदगी निजी होती है तब आपकी पसंद आपकी होती है आप अपने अनुसार फ़ैसले ले सकते है पर जब आप किसी रिश्ते में होते है तो आपका कोई भी फ़ैसला निजी नहीं होता है । आपको एक दूसरे की पसंद और नापसंद का ख्याल रखना होता है । आप ‘मैं’ नहीं रहते हो आप ‘हम’ हो जाते हो। आप एक साथ किसी सपने को देखते हो और फिर उस सपने को एक साथ पूरा करने के लिए काम करते हो । आपको अपने रिश्ते को किसी छोटे बच्चे की तरह पालना होता है, अपने साथी की पसंद का ख्याल रखिये और छोटी-छोटी चीज़ों में खुशियों को तलाशिए ।

सपने देखिए

क्या होता है कि एक वक़्त के बाद हम सभी ज़िदगी के एक लूप में फस जाते है और फिर हम उस लूप से बाहर का सोच भी नहीं पाते है । याद कीजिए वो बचपन जब आप सपने देखा करते थे , और सपने देखने मात्र से ही आप कैसे ऊर्जा से भर जाते थे। जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते है आप सपने देखना छोड़ देते है क्योंकि आपको लगता है की ये सपना कभी पूरा नहीं हो सकता है । आपको दुबारा सपने देखने है और साथ में मिलकर उन सपनों को पूरा भी करना है । सपने देखने से आपके जीवन को एक मकसद मिल जाता है , आप दोनों अपने मरे हुए सपनों को दुबारा से जगाईए और उनको पूरा करने कि दिशा में फिर से काम करे ।

निष्कर्ष

किसी भी रिश्ते कि नीव विश्वास पर टिकी होती है, आप दोनों एक दुसरे के प्रति सकारात्मक सोच रखिए और छोटी मोटी बातों पर एक दूसरे को माफ करना सीखे। हम सभी इंसान है और गलतियाँ इंसानों से ही होती है । अगर आपको अपने साथी कि कोई बात परेशान करती है तो उससे बात करके समझने कि कोशिश करे । बहुत बार हम इस स्थिति में हम खुद ही सवाल पूछ कर और खुद ही उसका जवाब देने लगते है तो समस्या और भी ज़्यादा बढ़ जाती है । आराम से बैठ कर बातचीत से किसी भी समस्या का हल निकाल जा सकता है ।